बांग्लादेश में हिंदूओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में निकाली आक्रोश रैली

बांग्लादेश में हिंदूओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में निकाली आक्रोश रैली

उत्तराखंड वाणी/ राहुल वर्मा/ बॉबी राणा

रैली में विभिन्न राजनीतिक, व्यापारी व सामाजिक संगठनों सहित लोगों को हुजूम सड़कों पर उतरा

देहरादून ,बांग्लादेश में हिंदूओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में विभिन्न राजनैतिक दलों, व्यापारियों एवं सामाजिक संगठनों ने राजधानी में आक्रोश रैली निकाली। रैली में लोगों का हुजूम सड़कों पर उमड़ पडा। यहां विभिन्न राजनैतिक दलों, सामाजिक संगठनों, हिन्दूवादी संगठनों, व्यापारी बड़ी संख्या में गांधी पार्क के बाहर इकटठा हुए और वहां से बांग्लादेश में हिन्दूओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में आक्रोश रैली निकालकर विभिन्न मार्गों से होते हुए जिला मुख्यालय कचहरी पहंुचा और वहां पर जमकर नारेबाजी के बीच प्रदर्शन किया और इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित कर हिन्दूओं की सुरक्षा किये जाने की मांग की गई। इस अवसर पर राष्ट्रपति को भेजे गये ज्ञापन में कहा गया कि बांग्लादेश में जिस प्रकार से हिन्दूओं के साथ अत्याचार किया जा रहा है और हिन्दू मंदिरों को तोड़ा जा रहा है जिसकी जितनी निंदा की जाये वह कम है। ज्ञापन में कहा गया कि बांग्लादेश में हिन्दू समाज एवं अन्य अल्पसंख्यकों की महिलाओं, बच्चों एवं उनके परिवारों पर हो रहे अमानवीय अत्याचार एवं हिंसा की घटनाओं, सभी की सम्पत्ति एवं मंदिरों को पहुंचाए जा रहे नुकसान को अविलम्ब रोकने एवं दोषी और दोषियों को संरक्षण प्रदान करने पालों के विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्रवाई किए जाने के लिए बांग्लादेश सरकार पर दबाय बनाये जाने की मांग की गई है। इस अवसर पर ज्ञापन में कहा गया कि बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और सत्ता परिवर्तन के बाद वहां रह रहे हिन्दूओं पर लगातार हमले ही रहे हैं। हिन्दूओं के मंदिरों एवं उनकी सम्पत्तियों को तोड़ा, लूटा और जलाया जा रहा है। ज्ञापन में कहा गया कि हिन्दू बहन बेटियों के साथ दुव्र्यवहार एवं दुष्कर्म के घृणित कृत्य किए जा रहे हैं। ज्ञापन में कहा गया कि यह अत्यन्त चिन्ताजनक घटनाएं समस्त भारत के हिन्दू समुदाय को व्यथित और दुःखी कर रही है और इन घटनाओं को दृष्टिगत रखते हुए यह आवश्यक प्रतीत होता है कि भारत और हिन्दू समाज की इस्लामिक कट्टरपंथ के वैश्विक एजेण्डे के प्रति सजम और सतर्क रहने की आवश्यकता है। इस अवसर पर ज्ञापन में कहा गया कि हमारी यह मांग है कि इस गंभीर समस्या का शीघ्र समाधान निकाला जाए और बांग्लादेश में हिन्दूओं के अधिकारों की रक्षा की जाएं। ज्ञापन में कहा गया कि राजनीतिक और धार्मिक कारणों से प्रेरित यह कृत्य प्रत्यक्ष तौर पर बांग्लादेश सरकार की नाकामी को उजागर करते है। ज्ञापन में कहा गया कि बच्चों और महिलाओं के साथ बर्बरता पूर्वक व्यवहार, उत्पीड़न, मारपीट की इन घटनाओं से बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों की चिंताजनक स्थिति उत्पन्न हो गई है। कई दिनों से हो रहे अत्याचार की घटनाओं के बाद भी बांग्लादेश सरकार पंगु बनी हुई है।