शकील बिन हनीफ को मानने वाले देश के लिए खतरा––मुफ्ती रईस अध्यक्ष

शकील बिन हनीफ को मानने वाले देश के लिए खतरा––मुफ्ती रईस अध्यक्ष

शकील बिन हनीफ को मानने वाले देश के लिए खतरा––मुफ्ती रईस अध्यक्ष देहरादून के इमामों के अध्यक्ष मुफ्ती ने कहा एक व्यक्ति है बिहार का है जो औरंगाबाद में रहता है वो कभी खुद को कृष्ण का अवतार बताता है कभी ईसा मसीह बताता है कभी मुसलमानों को भटकाने के लिए इमामे मेहदी का दावा करता है। उन्होंने यह बताया की ये व्यक्ति उत्तराखंड का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहा है। ये ऐसा गिरोह है जो राष्ट्रवादी गतिविधियों में शामिल रहा है। ये ऐसा गिरोह है जो देश की शांति भंग करना चाहते है। उन्होंने एसएसपी देहरादून और सी ओ सदर साहब का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस तरह के गलत गतिविधियों में शामिल होने वाले गिरोह की धड़ पकड़ की है। दूसरी तरफ एक पत्रकार ने सवाल किया क्या यूपी और उत्तराखंड की सरकार का जो निर्णय है की फल सब्जी की ठेली व ढाबों पर नाम लिखने का जो फैसला है क्या वो सही है तो इमाम अध्यक्ष मुफ्ती रईस जी ने कहा कि सरकार का आदेश सही है बल्कि मैं मुसलमानों से ये कहूंगा कि अपना नाम लिखाए और गर्व से कहे हम मुसलमान है और कोई मुसलमान ये न समझे की मेरा कारोबार घट जाएगा। और अपने सर पर टोपी और रखे और साफ सफाई का भी ध्यान रखे। और सरकार के आदेशों का पालन किया जाए और ये हिंदुस्तान है इसमें अच्छे हिंदू रहते है और मुझे उम्मीद है की कांवड़िए साफ सफाई देख कर ही समान खरीदेंगे।इस अवसर पर शहर काजी मौलाना मौहम्मद अहमद कासमी के उस्ताद मौलाना अब्दुल कदीरखराज-ए-अकिदत पेश की गई।बैठक में जमीअत के जिला महासचिव मौलाना मासूम क़ासमी, जिला अध्यक्ष मौलाना नसीबुद्दीन क़ासमी, मुफ्ती अयाज़ अहमद, मौलाना अब्दुल मन्नान, मौलाना एजाज़ क़ासमी, मुफ्ती बुरहान रब्बानी क़ासमी, मास्टर अब्दुल सत्तार, मुफ्ती रागिब क़ासमी, मौलाना सुफियान क़ासमी, मुफ्ती राशिद फलाही, मौलाना अब्दुल वाजिद, कारी अकरम, मुफ्ती ताहिर क़ासमी, मुफ्ती नसीम क़ासमी, मौलाना असअद, कारी एहसान, मौलाना हाशिम उमर, तौसीफ खान, मौलाना एहतेशाम क़ासमी, कारी आरिफ, मौलाना अज़मत क़ासमी, कारी अबुल फ़ज़ल, मौलाना अमानतुल्लाह, कारी रागिब, मुस्लिम सेवा संगठन से नईम कुरैशी, आक़िब कुरैशी, नाजिम अली, इरशाद अली, मोहम्मद मुर्सलीन, कारी सरफराज, मौलाना इम्तियाज, कारी जुबेर अहमद, मोहम्मद शाह नवाज़, मोहम्मद अंसार, मौलाना जुबेर क़ासमी, मौलाना इरफान, मौलाना नौशाद क़ासमी, मोहम्मद सद्दाम, मोहम्मद सलीम जावेद, मौलाना मुस्तकीम, मौलाना अब्दुल कादिर, मौलाना रहमान मजाहिरी, मौलाना नवाब अली मजाहिरी, मौलाना अब्दुल मन्नान, मौलाना सलमान अख्लाक नदवी, फ़खरुल इस्लाम, कारी सदाकत, मोहम्मद गुलशेर, मोहम्मद सुफियान व मास्टर अब्दुल कादिर आदि मौजूद रहे।