देहरादून में रात के समय होमस्टे में पुलिस का छापा, कांग्रेस ने आरोप लगाए तो बीजेपी ने दिया जवाब
उत्तराखंड वाणी राहुल वर्मा
देहरादून: राजपुर रोड पर स्थित एक होमस्टे में रात के समय एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने छापेमारी की. जिससे हड़कंप मच गया. पुलिस का मानना है कि मौके पर कोई मादक पदार्थ या शराब नहीं मिली. हालांकि, पुलिस ने मौके पर मौजूद 11 लोगों को मेडिकल जांच के लिए भेजा, लेकिन इस मामले पर कांग्रेस मुखर हो गई है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने आरोप लगाया है कि यह संपत्ति बीजेपी नेता की है. उन्होंने कहा कि जब सैयां भये कोतवाल तो डर काहे का.
होमस्टे पर पुलिस की रेड: दरअसल, देहरादून में रविवार देर रात राजपुर रोड स्थित एक होम स्टे में पार्टी के दौरान पुलिस की एएनटीएफ (एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स) टीम ने छापेमारी की थी. पुलिस को सूचना मिली थी कि होमस्टे में पार्टी का आयोजन किया गया है. जिसमें ड्रग्स का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिस पर पुलिस ने छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया.
पुलिस के मुताबिक, मौके पर किसी भी तरह का मादक पदार्थ या शराब नहीं मिली. पुलिस मौजूद 11 लोगों को मेडिकल जांच के लिए अपने साथ ले गई. बाद में मादक पदार्थों के सेवन की पुष्टि न होने पर चालान की कार्रवाई की गई. वहीं, कांग्रेस ने आरोप लगाए है कि बीजेपी सरकार में ऐसे पार्टियों को आयोजित करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं ही रही है. जबकि, वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से पार्टी में शराब परोसी जा रही है.
पुलिस की मानेंं तो 7 सितंबर की देर रात साईं मंदिर के पास एक होमस्टे में कुछ लोगों ने बिना किसी अनुमति के देर रात तक पार्टी आयोजित की थी. इसकी शिकायत रायपुर थाना पुलिस को मिली थी. जिसके बाद सीओ सिटी के नेतृत्व में एएनटीएफ की टीम मौके पर पहुंची. पुलिस के पहुंचने पर मौके पर बर्थडे पार्टी चल रही थी. ऐसे में पुलिस ने मादक पदार्थों के सेवन की संभावना को देखते हुए 11 लोगों के मेडिकल कराए.
जिसमें प्राथमिक रूप से किसी भी प्रकार के मादक पदार्थों के सेवन की पुष्टि नहीं हुई. इस दौरान पुलिस ने बिना अनुमति के देर रात तक पार्टी आयोजित करने पर उनके खिलाफ पुलिस एक्ट में चालान किए. बताया जा रहा है जिस घर में पार्टी का आयोजन किया गया था, वो किसी राजनीतिक हस्ती का है. जिसमें राजनीतिक हस्तियां भी मौजूद थी.
वीकेंड के दौरान बिना किसी अनुमति के देर रात तक संचालित होने वाली पार्टियों पर लगाम लगाने और शराब पीकर वाहन चलाने समेत हुडदंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस लगातार चेकिंग कर रही है. राजपुर रोड पर स्थित होमस्टे में देर रात पार्टी की सूचना पर राजपुर पुलिस ने छापेमारी की थी. छापेमारी के बाद मौके से 11 युवकों को हिरासत में लेकर उनका मेडिकल परीक्षण कराया गया, जिसमें शराब और मादक पदार्थ का सेवन नहीं आया है. जिसके बाद थाना राजपुर पुलिस ने चालानी कार्रवाई की." - अजय सिंह, एसएसपी, देहरादून
विपक्ष ने खोला मोर्चा: वहीं, होमस्टे बीजेपी नेता का होने का आरोप लगाते हुए विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि देहरादून में देर रात तक रेव पार्टियों का प्रचलन बढ़ता जा रहा है, लेकिन शासन प्रशासन इसमें लगाम नहीं लगा पा रहा है. रविवार देर रात तक जिस होम स्टे में पार्टी चल रही थी, वो एक बीजेपी नेता की संपत्ति है. उस पार्टी में क्या-क्या हो रहा था, इसकी चर्चा हर किसी की जुबान पर है.
माहरा ने कहा कि जिस होमस्टे पर पुलिस का छापा पड़ा, वहां सिर्फ 11 लोगों पर ही शांति भंग करने के मामले में पुलिस एक्ट के तहत चालान किए गए, लेकिन कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई. हालांकि, उन्होंने छापा मारने वाले अधिकारियों की सराहना की है. माहरा ने कहा कि ऐसे अधिकारी बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने सत्ता पक्ष के नेता की संपत्ति पर चल रही पार्टी पर हाथ डालने का काम किया, लेकिन उसके बाद भले ही बड़े नेताओं और अफसरों के दबाव में सिर्फ 11 लोगों पर ही शांति भंग करने पर पुलिस एक्ट में चालान कर दिए गए हों.
ममले को रफा दफा करने की कोशिश की गई, लेकिन अभी भी राज्य के भीतर ऐसे अफसर तैनात हैं, जिन्होंने बड़े लोगों के गिरेबान में हाथ डालने की कोशिश की है. ऐसे अधिकारी राज्य को बचाकर रखे हुए हैं. इसलिए इनका भविष्य भी सुनिश्चित होना चाहिए. हालांकि, सरकार के दबाव में पार्टी में शामिल कुछ लोगों को छोड़ दिया गया, लेकिन इस कार्रवाई से कम से कम गलत लोगों मे दहशत तो बैठेगी.
कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी का पलटवार: होमस्टे में पार्टी मामले पर बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान का कहना है कि इस मामले पर कांग्रेस जो भी आरोप बीजेपी या फिर बीजेपी के नेताओं पर लगा रही है, उससे आरोप सिद्ध नहीं हो जाते हैं. मनवीर चौहान का कहना है कि ये नाइट पार्टी किसकी ओर से करवाई जा रही थी या फिर किस व्यक्ति के परिसर में करवाई जा रही थी, यह जांच का विषय है. पुलिस इस पर जांच कर रही है.
वहीं, इसके अलावा बीजेपी का ये भी कहना है कि इस मामले पर कार्रवाई भी बीजेपी सरकार की पुलिस ने ही की है, ये भी कांग्रेस को देखना चाहिए. बीजेपी ने उल्टा कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि यदि कांग्रेस की सरकार होती तो क्या उनकी सरकार में पुलिस इतनी हिम्मत उठा पाती कि किसी कांग्रेस नेता के नाम आने पर पुलिस कार्रवाई करती?
बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस केवल मौका ढूंढ रही है, लेकिन उसे हमारी सरकार की सतर्क और निष्पक्ष पुलिस की कार्यप्रणाली नजर नहीं आ रही है. कांग्रेस को बीजेपी पर आरोप लगाने से पहले खुद अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त निर्देश हैं कि नशे को बढ़ावा देने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाए.

